Friday, September 26, 2025

3rd Letter to Teen Taal (तीन ताल को तृतीय ख़त)

तीन ताल के सभी साथियों को जय हो, जय हो, जय हो!  छः संख्या भारतीय मिथकों में पूरापन और संतुलन का निशान मानी जाती है। तीन ताल की छटा छः ऋतुओं  से बनती है जिसे ये छह महानुभाव बनाते हैं - कमलेश ताऊ, कुलदीप सरदार, आसिफ़ खान चा, पाणिनि बाबा, जमशेद भाई और संयोजक अतुल जी| इन सभी को मेरा नमन!  

तीन ताल क्यों सुने ? नए श्रोता लोगों से बस कहना चाहूंगा कि तीन ताल का भौकाल एकदम टाइट है क्यूंकि जिस ज़माने में जुबान और उसूल की कोई कीमत नहीं रही, वहां तीन ताल उसी ज़माने की छोटी-छोटी परेशानियों, समाज, राजनीति, और निजी अनुभवों पर खुलकर और दिलचस्पी से बातचीत करता है!

ये चिठ्ठी पीर बाबा के दमके हुए पानी का लाइट मोड अर्थात बीयर पीकर लिख रहा हूं, जो लिखूंगा वह सच लिखूंगा, सच के सिवा कुछ नहीं  लिखूंगा। खबर ड्रोन की तरह उड़ते उड़ते पता चली की  लखनऊ की धरती  पर  तीन  ताल  के  महारथी  लोगों  का  ज़मावड़ा  होने वाला है ! लखनऊ की  जनता  की  किस्मत  से  रस्क  करते  करते, उनको  बहुत  बधाई.

फिर मन में लगा जैसे लखनऊ ही सबकी पहली पसंद हो और कानपुर बस खामोशी से किनारे  हो रहा है। नेपाल में अगर जनरेशन- ज़ी (Gen Z) सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज करा सकती है तो हम अधेड़ लोग कुछ क्यों नहीं कर सकते? हमें तो केवल चिट्ठी लिखनी है, कौन-सा हमें आज तक कार्यालय पर हमला करना है। अहिंसावादी देश में पत्र-ग्यापन ही विरोध प्रकट करने का सबसे सही और लोकतांत्रिक तरीका होता है|

कहने वाले कहते हैं,  लखनऊ को तरजीह देना, ये पक्षपात बहुत पुराना है । मैं फिर भी तीन ताल को बेनिफिट ऑफ़ डाउट देता हूँ , हो सकता है  राज्य सरकार का निमंत्रण हो ! लखनऊ बनाम कानपुर — जब बात हो दोनों शहरों की, तो मज़ाक का पिटारा खुल जाता है। अरे भई, लखनऊ और कानपुर की बात ही कुछ ऐसी है जैसे दो बड़े कलाकारों की भिड़ंत हो, एक जहाँ तहज़ीब और तंज़ से लबरेज़, तो दूसरा ज़मीन से जुड़ा, पसीने और उद्योग की गंध लिए।  तो आप कहें, कौन बेहतर? मेरा तो मानना है ये सवाल वैसा है जैसे गोलगप्पे में मिर्च कम या ज्यादा, स्वाद तो दोनों ही लाजवाब हैं! दोनों शहर अपनी-अपनी धुन में मग्न हैं !

आज मेरे आधार कार्ड पे लखनऊ का पता है और  ठिकाना बेंगलुरु है पर कानपूर से पुराना रिश्ता है। परदेस में जब किसी गाड़ी पर UP78 लिखा दिख जाए तो इस कानपुरिया दिल में बिजली-सी कौंध जाती है ! इसलिए हम लोग जो कानपुर छोड़ आए, कहीं दूर से भी कानपुर की मिट्टी की  खुशबू फैलाते हैं, और उन यादों की छांव में सदियों तक तरोताजा रहते हैं।

कहते हैं ना कि अपने तो अपने ही होते हैं ! जब भी कानपुर से गुजरता हूँ, दिल में बसा हुआ पुराना वक्त याद आने लगता है। मानो बचपन की गली में फिर से कदम रख रहा हूं, जहां से पला-बढ़ा हूं । मैं खुद 1994 से 2004 तक किशोरावस्था में यहाँ रहा हूँ|उस समय की कोचिंग मंडी की हलचल और मोहल्ले का माहौल आज भी मन को छू जाता है। 

वो जमाना भी बड़ा गजब था, जब सड़क पर सुअर और ऑटो विक्रम दोनों मिल के राज किया करते थे। 90 के दशक में यहां की कहानी कुछ ऐसी थी कि जैसे ये सुअर जनाब शहर के असली मालिक हों। हमारे  कानपूर के  मेयर अनिल कुमार शर्मा थे, जिन्होंने उस सुअर की गैंग को खदेड़ा। कानपुर वाले बहुत कुकुर प्रेमी होते थे। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में क्रिकेट मैच के दौरान कुत्तों का मैदान में घुस जाते थे, जब भी ऐसा होता है, तो लगता है जैसे कुत्ते कह रहे हों: "यार, तुम लोग कब से एक ही गेंद के पीछे भाग रहे हो? थोड़ी देर हमें भी खेलने दो! हम भी तो स्टार परफॉर्मर हैं इस स्टेडियम के!" इकाना स्टेडियम ने यह मज़ा भी छीन लिया।

जब भारत में ब्लॉग लिखने की परंपरा शुरू हुई, लोग अपने-अपने अनुभव, यादें और विचार पहली बार खुले मंच पर रखने लगे। उसी दौर में हमने भी कलम उठाई और सबसे पहले लिखा तो अपने कानपुर के बारे में | कानपुर माहात्म्य पर जब कभी भी फुर्सत में चर्चा हो, तो निवेदन है दशकों पहले हमारे द्वारा  लिखा गया कानपूर श्रृंखला का दस्तावेज़ पढ़ियेगा।  

हम कानपुर वाले भी 'तीन ताल' का हिस्सा हैं, हमारे दिल भी इसी धुन पर धड़कते हैं। इसलिए, एक बार कानपुर को भी मंच पर बुलाइए, ताकि हर आवाज़ बुलंद हो सके और हम भी कह सकें — कसम कानपुर की, गर्दा उड़ा देंगे ! हम चाहते हैं कि तीन ताल के तीनों शिकारी स्वादिष्ट समोसे, ज़िंदादिल ज़िंदगी को महसूस करें और कानपुर की अनोखी कहानियों को अपने मजाकिया अंदाज़ में पेश करें। पत्र इन प्रसिद्ध निमंत्रण की पंक्तियों  के साथ खत्म करता हूँ : भेज रहा हूँ स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हें बुलाने को। हे मानस के राजहंस, तुम भूल न जाना आने को।।

असल में, सोच-समझ कर लिखना जरूरी होता है, लेकिन इस बार जल्दबाजी में कुछ कहा गया है,  क्यूंकि सुरूर छा रहा है।  तीन ताल के सभी साथियों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम।  जय हो, जय हो, जय हो! 

--- यायावर  ( टीटी स्टाफ)

Wednesday, September 24, 2025

विकास दिव्यकीर्ति द्वारा सुझाई गई 11 सर्वश्रेष्ठ किताबें

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और यूपीएससी परीक्षाओं के विशेषज्ञ हैं, जिनकी सरल और प्रभावी व्याख्या लाखों छात्रों को समर्पित है, और उनकी पुस्तकें न केवल विषयों की गहरी समझ प्रदान करती हैं बल्कि नैतिकता, इतिहास, दर्शन एवं सामाजिक चिंतन में भी मार्गदर्शन करती हैं, जिससे छात्रों का संपूर्ण व्यक्तिगत एवं अकादमिक विकास होता है। विकास दिव्यकीर्ति द्वारा सुझाई गई पुस्तकों की सूची इस प्रकार है:

  1. एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें (कक्षा 6-12)
  2. सोफी का संसार - जोस्टेन गार्डर — यह एक रहस्यपूर्ण दार्शनिक उपन्यास है जो पश्चिमी दर्शन के इतिहास, विचारधाराओं और मानव अस्तित्व के गहन प्रश्नों को सरल हिंदी में प्रस्तुत करता है।
  3. गोदान - मुंशी प्रेमचंद — ग्रामीण भारत की झकझोर देने वाली कहानी जो गरीबी, असमानता और सामाजिक अन्याय के बीच किसान होरी की जीवन यात्रा के माध्यम से देश की ग्रामीण समस्याओं और स्वाभिमान की गूढ़ भावनाओं को जीवंत करती है।
  4. सत्य के प्रयोग - महात्मा गाँधी — गांधीजी का आत्मकथा जो सत्य और अहिंसा के आध्यात्मिक, नैतिक और राजनीतिक प्रयोगों का विस्तारपूर्वक वर्णन करता है, जीवन में नैतिकता और सादगी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
  5. सेपियंस - यूवॉल नोआ हरारी — मानव जाति के विकास, सांस्कृतिक विश्वासों, वैज्ञानिक क्रांति और सामाजिक संरचनाओं का ऐतिहासिक और वैज्ञानिक विश्लेषण, जो आज के वैश्विक परिवेश की समझ को गहरा करता है।
  6. 1984 - जॉर्ज ऑरवेल –  तानाशाही, निगरानी और मनमानी शासन व्यवस्था के भयावह दृश्य प्रस्तुत करता एक काल्पनिक उपन्यास, जो व्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक नियंत्रण के बीच के संघर्ष को दर्शाता है।
  7. एनिमल फार्म - जॉर्ज ऑरवेल — सत्ता के दुरुपयोग और सामाजिक व्यवस्था पर आधारित एक गहन रूपकात्मक कथा, जिसमें राजनीतिक तंत्र और क्रांतिकारी विचारधाराओं की विडंबना को सामने रखा गया है।
  8. भारत एक खोज - जवाहरलाल नेहरू – ह पुस्तक भारत की विविधता, उसकी महान विरासत और राष्ट्र निर्माण की यात्रा को समझने के लिए गहराई से लिखी गई है।
  9. The Old Man and the Sea by Ernest Hemingway - It portrays human endurance, courage, and the unyielding spirit to fight against odds, symbolizing the dignity of human struggle and perseverance.
  10. To Kill a Mockingbird by Harper Lee - The story explores themes of racial injustice, moral growth, empathy, and the loss of innocence in a deeply prejudiced society.
  11. The History of Mankind by Friedrich Ratzel - The book provides a comprehensive and detailed study of the geographical, social, and cultural development of human civilizations.