Every beautiful poem is an act of resistance. —Mahmoud Darwish
Literature is about recording what is forgotten, but also about living and recreating the life that surrounds us. Continuing from the series of the Poetry of Protest - 1, Poetry of Protest - 2, and Poetry of Protest - 3, we will read a compilation of the resistance poems. Why? We are living in a consumerism and post-truth era without a memory, which accepts, without much resistance, ideological interpretations of the history, as dictated by the regime and enforced by its media. The solidarity of the protest can only be built by a form of literature that is emotionally compelling, contributes to the combating of loneliness, and makes the reader less terrified of themselves and the political powers which surround them. Here is the curated list of poems with spirit of the protest:
- First they came..--- Martin Niemöller
- Unadikum ( I Call on You ) ---Tawfiq Zayyad
- The Will of Life --- Abu al-Qasim al-Shabi.
- Grass ---Carl Sandberg
- I am the People ---Ahmed Fouad Nigm
- The Times They Are a-Changin' --- Bob Dylan
- Let them not say ---Jane Hirshfield
- Pity the nation ---Lawrence Ferlinghetti
- Write me down I am an Indian Ajmal Khan
- Pity the nation --Khalil Gibran
- Write down! I am an Arab ---Mahmoud Darwish
- Dreams --- Langston Hughes
- Still, I Rise ---Maya Angelou
- Two Poems of Resistance ---Ayat al-Qormezi
- Strange Fruits--- Abel Meeropol
- ख़्वाब मरते नहीं --- अहमद फ़राज़
- एकला चलो रे। --- रबिन्द्रनाथ टैगोर,
- आज बाज़ार में पा-ब-जौला चलो --- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- खेत में दबाये गये दाने की तरह --- भवानीप्रसाद मिश्र
- होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये --- दुष्यंत कुमार
- कोसल में विचारों की कमी है! --- श्रीकांत वर्मा
- उनका डर --- गोरख पांडेय
- दस्तूर --- हबीब जालिब
- कविता पर रोक --- शहरोज़
- बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे --- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- ये दाग-दाग उजाला --- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हम देखेंगे --- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- हम लड़ेंगे --- पाश
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो --- अदम गोंडवी
- वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं --- अदम गोंडवी
- जो अपराधी नहीं होंगे, मारे जाएंगे...--- राजेश जोशी
- बच्चों का दूध --- रामधारी सिंह "दिनकर"
- आग जलनी चाहिए --- दुष्यन्त कुमार
- अब क़लम से इज़ारबंद ही डाल --- हबीब जालिब
- हम कागज़ नहीं दिखाएंगे --- वरुण ग्रोवर
- मैं भी काफ़िर, तू भी क़ाफ़िर --- सलमान हैदर